मुंबई। बजट प्रावधानों में बार-बार ढील दिए जाने के बाद केंद्र सरकार के राजकोष पर भारी दबाव है। आर्थिक गाड़ी पटरी से उतर सकती है। ब्रोकरेज हाउस नोमुरा ने अनुमान लगाया है कि वित्त वर्ष 2021 में भारत का राजकोषीय घाटा बढ़कर 8.6 पर्सेंट के करीब पहुंच सकता है, जबकि बजट में इसका लक्ष्य 3.5 पर्सेंट रखा गया था। हालांकि एजेंसी ने जीडीपी ग्रोथ में सालाना आधार पर 9.9 फीसदी तक होने का अनुमान लगाया है।
नोमूरा का अनुमान है कि वित्त वर्ष 2021 में राजकोषीय घाटा बढ़कर जीडीपी के 7.2 फीसदी तक पहुंच सकता है। इसमें हायर नॉमिनल रोल और टैक्स रेवेन्यू जैसे मसले भी शामिल हैं। कोरोना वायरस से पैदा हुए आर्थिक संकट के इस दौर में स्वास्थ्य सुविधाओं, वैक्सीन और पूंजीगत खर्च में वृद्धि होने का अनुमान भी लगाया गया है।
नोमुरा ने कहा है कि भारत में राजकोषीय स्थिति पर काफी दबाव है। इससे निबटने के लिए पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स पर हाई टैक्स की व्यवस्था सरकार जारी रख सकती है। इसके अलावा उच्च आमदनी वाले लोगों के लिए लग्जरी प्रोडक्ट पर जीएसटी रेट में भी वृद्धि की जा सकती है। वित्तीय सेक्टर में एनपीए बढ़ रहा है, जिससे फिस्कल स्पेस के मामले में कई रुकावटें हैं।