सरकारी आंकड़े से खुलासा, 20 हजार महिला कैदी भी शामिल
मुंबई। सरकार ने एक लिखित सवाल में बताया कि देश की विभिन्न जेलों में बंद 4,78,600 कैदियों में से 3,15,409 कैदी अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग श्रेणियों के हैं। जेलों में सजा काट रहे कुल कैदियों में 65.90 फीसदी कैदी एससी, एटी व ओबीसी समाज के हैं। गृह राज्य मंत्री जी. किशन रेड्डी ने राज्यसभा को एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि ये आंकड़े राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो द्वारा, 31 दिसंबर 2019 तक अद्यतन किए गए आंकड़ों के संकलन पर आधारित हैं।
गृह राज्य मंत्री ने बताया कि देश की जेलों में बंद 4,78,600 कैदियों में से 3,15,409 कैदी अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग श्रेणियों के हैं। शेष 1,26,393 कैदी अन्य समूहों से हैं। उन्होंने बताया कि आंकड़ों के अनुसार, देश की जेलों में बंद 1,62,800 कैदी (34.01 फीसदी) अन्य पिछड़ा वर्ग के हैं, जबकि 99,273 कैदी (20.74 फीसदी) अनुसूचित जाति से हैं। इसके अलावा, 53 हजार 336 कैदी (11.14 फीसदी) अनुसूचित जनजाति के लोग सजा काट रहे हैं। उन्होंने बताया कि कुल 4,78,600 कैदियों में से 4,58,687 कैदी (95.83 फीसदी) पुरुष और 19,913 कैदी (4.16 फीसदी) महिलाएं हैं।