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हाई प्रोफाइल सेक्स रैकेट का भंडाफोड़, भारतीय मूल के सीईओ गिरफ्तार

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✍🏻 डिजिटल न्यूज डेस्क, वॉशिंगटन। बोस्टन में एक हाई प्रोफाइल सेक्स रैकेट ने अमेरिकी समाज के ऊंचे तबके में सनसनी मचा दी है। इस रैकेट में बड़े व्यवसायी, सरकारी अधिकारी, डॉक्टर, वकील और अन्य प्रभावशाली लोग शामिल थे, जो प्रति घंटे 600 डॉलर (लगभग 51,625 रुपये) की दर से यौन सेवाएं लेते थे। इस मामले में भारतीय मूल के सीईओ अनुराग बाजपेयी को गिरफ्तार किया गया है, जो वाटर ट्रीटमेंट स्टार्टअप ग्रेडिएंट के प्रमुख हैं।

बोस्टन सेक्स स्कैंडल क्या है?

यह रैकेट बोस्टन के कैम्ब्रिज, डेडहम, वाटरटाउन और वर्जीनिया के पूर्वी हिस्सों में लग्जरी अपार्टमेंट्स से संचालित होता था। यहां मुख्य रूप से एशियाई महिलाओं को यौन सेवाओं के लिए रखा गया था। जांच के अनुसार, रैकेट का उद्देश्य धनी और प्रभावशाली ग्राहकों को गोपनीय सेवाएं प्रदान करना था। पूर्व अमेरिकी अटॉर्नी जोशुआ लेवी ने खुलासा किया कि यह नेटवर्क विशेष रूप से हाई प्रोफाइल ग्राहकों के लिए डिजाइन किया गया था। ग्राहकों में सैन्य अधिकारी, प्रोफेसर, वैज्ञानिक, फार्मास्युटिकल कंपनियों के अधिकारी और हाई-टेक कंपनियों के कार्यकारी शामिल थे।

रैकेट में 30 लोगों की पहचान

द वॉल स्ट्रीट जर्नल की रिपोर्ट के अनुसार, रैकेट में कम से कम 30 ग्राहकों की पहचान हुई है, जिनमें से कई की जानकारी अभी सार्वजनिक नहीं की गई। ग्राहक प्रति घंटे 300 से 600 डॉलर का भुगतान करते थे। कैम्ब्रिज पुलिस के मुताबिक, 12 पुरुषों ने कैम्ब्रिज के एक अपार्टमेंट परिसर में कोरियाई महिलाओं के साथ यौन संबंध बनाने के लिए पैसे दिए। रैकेट की गोपनीयता ऐसी थी कि इसका पता लगाना जांच एजेंसियों के लिए चुनौतीपूर्ण रहा।

बाजपेयी का कनेक्शन

अनुराग बाजपेयी, जिनकी कंपनी ग्रेडिएंट का नेटवर्थ एक अरब डॉलर से अधिक है, इस स्कैंडल में फंस गए हैं। एमआईटी से मैकेनिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने वाले बाजपेयी पर कई बार यौन सेवाओं के लिए पैसे देने का आरोप है। उनकी कंपनी ने बचाव में कहा, ‘हमें न्याय प्रणाली पर भरोसा है।’ बाजपेयी ने लखनऊ के ला मार्टिनियर कॉलेज और मिसौरी-कोलंबिया विश्वविद्यालय में भी पढ़ाई की है।

जांच में आई तेजी

नवंबर 2023 में इस रैकेट का भंडाफोड़ होने के बाद कई गिरफ्तारियां हो चुकी हैं। जांच एजेंसियां अन्य संदिग्धों की तलाश में जुटी हैं, और इस मामले में और खुलासे होने की संभावना है। मार्च में ही महिलाओं को वेश्यावृत्ति में धकेलने और धन शोधन की साजिश रचने का दोषी पाए जाने पर 42 वर्षीय हान ली को चार वर्ष की जेल की सजा सुनाई गई थी।

इस मामले में,फेडरल और स्थानीय अधिकारियों ने जांच की, जिसके बाद वेश्यावृत्ति के इस नेटवर्क को चलाने वालों और इसके ग्राहकों के खिलाफ आरोप लगाए गए। तीन मुख्य आरोपियों—हान ली, जुनम्युंग ली, और जेम्स ली—ने वेश्यावृत्ति नेटवर्क चलाने का अपराध स्वीकार किया है। इसके अलावा, 28 कथित ग्राहकों, जिनमें भारतीय मूल के सीईओ शामिल हैं, पर वेश्यावृत्ति के लिए उकसाने का छोटा आपराधिक आरोप लगाया गया है। ये आरोप 2023 में एक स्टिंग ऑपरेशन के बाद दायर किए गए, और 2025 में आरोपियों के नाम सार्वजनिक किए गए। मैसाचुसेट्स सुप्रीम ज्यूडिशियल कोर्ट में इस मामले की सुनवाई हो रही है.

 


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