किसानों पर 16.80 लाख करोड़ रुपये का एग्रीकल्चर लोन बकाया
प्रहरी संवाददाता, मुंबई। भाजपा की केंद्र सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि कृषि ऋण किसी भी स्थिति में माफ नहीं किया जाएगा। सरकार का कहना है कि देश के किसानों पर 16.80 लाख करोड़ रुपये का कृषि कर्ज बकाया है।
लोकसभा में वित्त राज्यमंत्री भागवत कराड ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि देश के सात बड़े राज्यों के किसानों पर 10.33 लाख करोड़ रुपये का कृषि कर्ज बाकी है। तमिलनाडु में करीब 1.64 करोड़ किसानों पर 1.89 लाख करोड़ रुपये का कृषि कर्ज बकाया है, जबकि महाराष्ट्र के किसानों पर 1.54 लाख करोड़ का बकाया है।
कर्ज के मामले में महाराष्ट्र चौथे और यूपी तीसरे नंबर पर
लिखित जवाब में वित्त राज्यमंत्री कराड ने नाबार्ड के आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि 31 मार्च तक कृषि ऋण मामले में तमिलनाडू पहले पायदान पर है। यहां के किसानों पर 1.90 लाख करोड़ रुपये का कर्ज बकाया है, जबकि आंध्र प्रदेश दूसरे नंबर पर है। वहां 1.69 लाख करोड़ रुपये बकाया है।
कर्ज के मामले में तीसरे नंबर पर उत्तर प्रदेश है। वहां किसानों पर 1.55 लाख करोड़ का कर्ज बाकी है। इसी तरह, महाराष्ट्र के किसानों पर 1.54 लाख करोड़, कर्नाटक के किसानों पर 1.43 लाख करोड़, राजस्थान के किसानों पर 1.21 लाख करोड़ और मध्य प्रदेश के किसानों पर 1.00 लाख करोड़ रुपये का कर्ज बकाया है।
बता दें कि आरटीआई से खुलासा हुआ है कि किसानों के कर्ज माफ नहीं करनेवाली मोदी सरकार के कार्यकाल में बड़े पैमाने पर लोन राइट ऑफ किए गए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार में वर्ष 2015-2019 के दौरान 7.95 लाख करोड़ रुपये के बैंक लोन राइट ऑफ किए गए हैं। इसके अलावा, बैंकों ने 50 बड़े विलफुल डिफाल्टर्स का 68,607 करोड़ रुपये का कर्ज बट्टे खाते में डाल दिया था।