सूचना का अधिकार, पारदर्शिता और जवाबदेही तय करने वाला विभाग बिना मुखिया के काम कर रहा है
प्रेमचंद यादव, मुंबई। केंद्रीय सूचना आयोग का मुखिया नहीं रहा। सुशासन के लिए निरंतर निगरानी और कर्मचारियों की उपस्थिति आवश्यक होती है। लेकिन दुर्भाग्य से केंद्रीय सूचना आयोग के मुखिया समेत अन्य अधिकारियों की नियुक्ति किसी न किसी कारण अटकी हुई है। आयोग में (सीआईसी) समेत सूचना आयुक्तों के 11 स्वीकृत पद हैं। फिलहाल छह सूचना आयुक्त ही कार्यरत हैं।
कॉमनवेल्थ ह्यूमन राइट्स इनिशिएटिव की ओर से वेंकटेश नायक ने सूचना के अधिकार (आरटीआई) के तहत सूचना आयोग में रिक्त पदों की जानकारी मांगी थी। आरटीआई से मिली जानकारी के अनुसार, लगातार चौथी बार भारत के केंद्रीय सूचना आयोग (सीआईसी) के मुख्य सूचना आयुक्त (चीफ आईसी) का कार्यालय बिना किसी उत्तराधिकारी के रिक्त पड़ा है। भ्रष्टाचार-मुक्त शासन देने व सरकारी कामकाज में अधिक पारदर्शिता का वादा कर के चुनाव जीतनेवाली एनडीए -2 सरकार के पहले वर्ष के दौरान यानी वर्ष 2014-15 में नौ महीने से अधिक समय तक सीआईसी ने बिना मुख्य आईसी के कार्य किया था।
जुल्का ने पद छोड़ा
मध्यप्रदेश कैडर के 1979 बैच के सेवानिवृत आईएएस अधिकारी बिमल जुल्का को मार्च महीने में ही मुख्य सूचना आयुक्त (सीआईसी) पद की शपथ दिलाई थी। सुधीर भार्गव 11 जनवरी को ही सेवानिवृत्त हो गए थे, जिसके बाद आयोग के प्रमुख का पद रिक्त पड़ा था। बता दें कि सूचना के अधिकार कानून में निर्धारित आयु सीमा तक पहुंचने पर बिमल जुल्का ने भी 26 अगस्त को ही अपना पद छोड़ दिया।
पिछले साल, देश भर के सूचना आयोगों में रिक्तियों को भरने में अनुचित देरी के बारे में एक याचिका पर सुनवाई करते हुए भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने कड़ी टिप्पणी करते हुए कहा कि रिक्त पदों को भरने की प्रक्रिया 1 से 2 महीने में पूरी की जानी चाहिए। लेकिन केंद्र सरकार अगले मुख्य सूचना आयोग के चयन की प्रक्रिया को निर्धारित समय पर पूरा करने में विफल रही है।
उल्लेखनीय है कि बिमल जुल्का के पद छोड़ने के बाद बिहार, गोवा, झारखंड, राजस्थान, त्रिपुरा और उत्तर प्रदेश राज्यों में शीर्ष पद पर आज तक खाली पड़े हुए हैं। इनमें से एक सूचना आयुक्त एक महीने से भी कम समय में सेवानिवृत्त हो जाएगा।
35849 अपीलें और शिकायतें सुनवाई के लिए लंबित
सीआईसी की वेबसाइट पर दी गई जानकारी के अनुसार, 15 अप्रैल से 26 अगस्त के बीच मुख्य सूचना आयुक्त ने 6,527 मामलों की सुनवाई की। इसके अलावा, सीआईसी ने 7012 अपीलों और शिकायत के मामलों में अंतरिम फैसले, अंतिम आदेश, अनुपालन संबंधी निर्देशों या दंड संबंधी कारण बताओ नोटिस जारी किए हैं। हालांकि अप्रैल के बाद से कुल 35,849 अपीलें और शिकायतें सुनवाई के लिए लंबित हैं।