भारत के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह गुरुवार की रात हमेशा के लिए मौन न हुए होते तो क्या गोदी मीडिया उनके बारे में इतनी साफगोई से इतना कुछ लिख पाती?

यादों में मनमोहन

क्या शातिर पार्टी बीजेपी की चालाकियां नेस्तनाबूत हो पातीं.... नरेंद्र मोदी सत्ता को, जिसने बीते 10 साल में यही रट्टा मारा है कि 2014 से पहले देश भूखा–नंगा और आदिम युग में रहता आया था?

और संघ के मायाजाल में उलझे देश के 70 करोड़ वोटरों ने भी यही मान लिया था और इस पर हामी भरी कि देश में आजादी और विकास की आंधी 2014 के बाद ही आई है।

आज देखिए शातिरों की सत्ता ने सामंती शक्तियों के हाथों खुद को सौंप दिया है। यह देश आज कुछ पूंजीपतियों  के हाथ बिक चुका है।

● FDI निवेश $2 बिलियन से $36 बिलियन प्रति वर्ष तक बढ़ा। ● भारत की अर्थव्यवस्था तीन गुना बढ़ी। ● माल निर्यात $60 बिलियन से $320 बिलियन तक बढ़ा। ● विदेशी भंडार $100 बिलियन से $315 बिलियन तक पहुंचा। ● 5 लाख+ किमी ग्रामीण सड़कों का निर्माण हुआ। ● 1 लाख+ गांवों का विद्युतीकरण, 5+ करोड़ घरों का विद्युतीकरण। ● आधार कार्ड की शुरुआत। ● NEFT, IMPS, DBT डिजिटल प्रणालियों का कार्यान्वयन हुआ। ● सूचना का अधिकार (RTI) और शिक्षा का अधिकार (RTE) लागू किए गए। ● MNREGA के जरिए करोड़ो लोगों को रोजगार दिया। ● भारत का पहला मंगल मिशन सफलतापूर्वक लॉन्च किया गया। ● चंद्रयान-1 मिशन के माध्यम से भारत ने अंतरिक्ष में नई ऊंचाइयों को छुआ। ● परमाणु ऊर्जा के क्षेत्र में नई पहल की गई। ● मोबाइल नेटवर्क और ब्रॉडबैंड सेवाओं में अभूतपूर्व वृद्धि हुई।

मनमोहन सिंह के कुछ फैसले, जिसे गोदी मीडिया आज सच बता रहा है....