– सीमा पर अप्रैल 2020 से पहले की स्थिति बहाल करने की मांग
नई दिल्ली। भारत और चीन के बीच 16वें दौर की सैन्य वार्ता करीब साढ़े बारह घंटे तक चली। इस दौरान भारत ने फिर से चीन पर पूर्वी लद्दाख के विवादित क्षेत्रों से पूरी तरह सेना पीछे हटाने के दबाव बनाया। सीमा पर अप्रैल 2020 से पहले की स्थिति बहाल करने की मांग रखी गई है।
हालांकि, इस बैठक के बारे में अभी तक कोई आधिकारिक साझा बयान नहीं आया है, लेकिन अधिकारियों ने दोनों देशों के बीच नई सहमति न बनने पर वार्ता को बेनतीजा करार दिया है।
बता दें कि भारत और चीन के बीच 15वें दौर की कोर कमांडर स्तरीय वार्ता 11 मार्च को हुई थी। हालांकि विवाद सुलझाने में सफलता नहीं मिली थी। करीब चार महीने बाद दोनों देशों के सैन्य कमांडर रविवार को सुबह 9.30 बजे फिर आमने-सामने बैठे।
वार्ता में भारतीय पक्ष का नेतृत्व लेह स्थित 14वें कोर कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल अनिंद्य सेन गुप्ता और चीन का नेतृत्व दक्षिण शिंजियांग सैन्य जिले के प्रमुख मेजर जनरल यांग लिन ने किया।
इस वार्ता से पहले हॉट स्प्रिंग क्षेत्र के पेट्रोलिंग प्वाइंट 15 पर सैन्य तैनाती घटाने की दिशा में प्रगति होने की संभावना जताई गई थी। नए दौर की वार्ता में टकराव वाले शेष सभी स्थानों से जल्द से जल्द सैनिकों को पीछे हटाने के लिए चीन पर दबाव बनाया गया है।