पटना, 19 नवंबर 2024 : बिहार में ट्रांसफर की राह देख रहे शिक्षकों को पटना हाई कोर्ट ने बड़ा झटका दिया है. कोर्ट ने बिहार में शिक्षकों के ट्रांसफर-पोस्टिंग पर रोक लगा दी है. कोर्ट ने सरकार ने तबादला नीति को और स्पष्ट करने को कहा है. कोर्ट ने सरकार को तीन सप्ताह का वक्त दिया है. सरकार की ओर से हलफनामा दायर होने के बाद इसपर अंतिम फैसला लिया जायेगा. पिछले दिनों शिक्षकों के लिए ट्रांसफर-पोस्टिंग पॉलिसी आई थी. च्वाइस पोस्टिंग के लिए शिक्षा विभाग की तरफ से आवेदन भी लिए जा रहे थे.
पटना हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को तीन सप्ताह में स्थिति स्पष्ट करने को कहा है. तब तक ट्रांसफर/पोस्टिंग पर फिलहाल स्टे लगा दिया है. हाई कोर्ट के इस निर्णय के बाद ट्रांसफर का इंतजार कर रहे बिहार के लाखों शिक्षकों के साथ साथ राज्य सरकार को भी बड़ा झटका लगा है.
शिक्षकों की ट्रांसफर पोस्टिंग नीति के खिलाफ औरंगाबाद के शिक्षकों की ओर से दायर केस की सुनवाई हाई कोर्ट में हुई है. शिक्षक संगठनों का आरोप है कि राज्य सरकार शिक्षकों को गुमराह करने की कोशिश कर रही है, जो नियमावली बनाई गई है और जो प्रक्रिया आवेदन के दौरान हो रही है, उसमें अंतर है. सरकार ने शिक्षकों को निर्देश दिया था कि वे 22 नवंबर 2024 तक अपने ट्रांसफर/पोस्टिंग के लिए विकल्प दें. इसके साथ ही सरकार ने यह भी निर्देश दिया था कि इस तय समय सीमा के भीतर अगर शिक्षक विकल्प नहीं देते हैं तो उनका सरकार अपने हिसाब से तबादला करेगी. विभाग ने पुरुष शिक्षकों को 10 सब डिवीजन और महिला शिक्षकों को 10 पंचायतों का विकल्प दिया था.
कोर्ट के फैसले पर बिहार के शिक्षा मंत्री कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और शिक्षा विभाग के अधिकारियों के साथ राय-विचार करने के बाद फैसला लिया गया है. अगर नीति में किसी प्रकार के बदलाव की आवश्यकता दिखेगी तो सरकार नये सिरे से नीति लायेगी. फिलहाल ट्रांसफर पोस्टिंग नीति को स्थगित कर दिया गया है. ऐसे में जो शिक्षक जहां कार्यरत हैं वहीं रहेंगे.