लखनऊ, 21 नवंबर 2024 । आयकरदाता होने के बाद भी राशन ले रहे पूर्वांचल में 80,806 कार्डधारकों पर चलेगी कैची। एक लाख 59 हजार 295 कार्डधारकों के सत्यापन के बाद अब सभी का कार्ड निरस्त कर दिया गया है। आजमगढ़ में सबसे अधिक अपात्र कार्डधारक मिले हैं। यहां 19,791 कार्डधारक राशन ले रहे थे। दूसरे स्थान पर 9,659 कार्डधारकों के साथ वाराणसी, जबकि 9,476 कार्डधारकों के साथ गाजीपुर तीसरे स्थान पर है। जौनपुर जिले में 8481 कार्डधारक राशन ले रहें हैं, इसके अलावा विधवा पेंशन की मृतक लाभार्थी के 14 हजार 82 व दो एकड़ से अधिक भूमि वाले 9,425 राशनकार्ड निरस्त किया गया है।
एनआइसी ने सभी डीएसओ को अपात्रों की सूची उपलब्ध कराई थी, जिसे तीन श्रेणियों में बांटा गया था। इसमें यह देखा जा रहा था कि कार्डधारक कहीं आयकरदाता तो नहीं। इसके साथ ही दो हेक्टेयर से अधिक भूमि वालों को भी जांच की कड़ी में शामिल किया गया। साथ ही उन महिलाओं की भी जांच की जा रही थी जो विधवा पेंशन का लाभ लेते हुए राशन कार्ड से अपने पति का नाम नहीं कटवाया था अथवा जिनकी मृत्यु हो चुकी थी।
लंबी चली जांच प्रक्रिया में आयकरदाता की श्रेणी एक लाख 59 हजार 295 की पहचान हुई, जिसमे 80 हजार 806 अपात्र, जबकि अबतक महज 21 हजार 235 पात्र मिले। इसी तरह विधवा पेंशन की कुल 23 हजार 207 लाभार्थियों में 14 हजार 82 की मौत हा चुकी है, जबकि जीवित महज 1416 मिलीं।
पड़ताल में दो एकड़ से अधिक भूमि वाले 23 हजार 338 चिह्नित हुए। खाद्य एवं आपूर्ति विभाग को उपलब्ध कराई सूची में पड़ताल के लिए विभाग पूर्ति निरीक्षकों के साथ ही सभी कोटेदारों को भी लगाया गया। जिला स्तरीय अधिकारियों की ओर से भी इसका सत्यापन किया गया।
यह आवश्यक नहीं है कि आयकरदाता की श्रेणी में आने वाले कार्डधारकों का नाम कटे ही। बिना सत्यापन किसी का भी नाम नहीं काटा जा रहा। दो हेक्टेयर भूमि के सत्यापन के दौरान पता चल रहा है कि कई भाइयों में यह हिस्सा कम हो जा रहा है। तीनों ही श्रेणियों में अपात्र होने की स्थिति में नाम काटा जा रहा है। सत्यापन की यह प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी है।