सत्ता परिवर्तन के बाद 25 दिन में 5 बार दिल्ली दरबार में सीएम और डिप्टी सीएम की हाजिरी
प्रहरी संवाददाता, मुंबई। शिवसेना के बागी एकनाथ शिंदे को मुख्यमंत्री और भाजपा के सीएम कैंडिडेट देवेंद्र फडणवीस को डिप्टी सीएम बने लगभग 25 दिन बीत चुके हैं, लेकिन अभी तक राज्य में कैबिनेट का विस्तार नहीं हो पाया है।
इस बीच, बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट, मेट्रो कार शेड प्रोजेक्ट, फोन टैपिंग केस, गिरीश महाजन पर जबरन वसूली के आरोप समेत राज्य सरकार के कई फैसलों पर केंद्र सरकार का दबाव होने के आरोप विपक्ष लगा रहा है।
विपक्ष का कहना है कि दिल्ली की हरी झंडी के बिना महाराष्ट्र में कोई फैसला नहीं लिया जाता और न ही मंत्रिपरिषद का विस्तार हो रहा है।
असली सरकार, दिल्ली आलाकमान है
बता दें कि महाराष्ट्र में सरकार बनाने के बाद एकनाथ शिंदे और देवेंद्र फडणवीस कई बार दिल्ली दरबार में हाजिरी लगा चुके हैं।
महाराष्ट्र के सीएम और डिप्टी सीएम की गृह मंत्री अमित शाह, भाजपा अध्यक्ष जे.पी. नड्डा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से कई राउंड की मीटिंग हो चुकी है।
शिंदे ने सीएम बनते ही केंद्र सरकार के सबसे महत्वाकांक्षी बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट के काम को फिर से हरी झंडी दिखा दी है। मेट्रो कार शेड को आरे कॉलोनी में शिफ्ट करने का भी फैसला ले लिया। इससे साफ जाहिर हो रहा है कि महाराष्ट्र में भले ही बागी शिंदे का शासन हो, लेकिन असली सरकार दिल्ली से ही चल रही है।
इसके अलावा, ठाकरे परिवार पर शिकंजा कसने की तैयारी भी हो रही है। केंद्र सरकार ने पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के बेटे और पूर्व पर्यावरण मंत्री आदित्य ठाकरे पर शिकंजा कसने के लिए कई फैसले लिए हैं। आदित्य ठाकरे के मंत्रालय में पिछले ढाई साल के काम का ऑडिट कराने का आदेश दिया गया है।