नई दिल्ली, 20 नवंबर 2024। राशन कार्ड के डिजिटलीकरण के चलते देश में सार्वजनिक वितरण प्रणाली में बड़ा बदलाव आया है। आधार एवं ईकेवाईसी प्रणाली के माध्यम से सत्यापन कराने के बाद लगभग पांच करोड़ 80 लाख से अधिक राशन कार्ड फर्जी पाए गए हैं, जिन्हें सरकार ने रद्द कर दिया है। इससे वितरण प्रणाली के हेर-फेर में काफी हद तक कमी आई है और लाभार्थियों की संख्या बढ़ाने में भी मदद मिली है।
देश में केंद्र सरकार अभी 80 करोड़ 60 लाख लोगों को 20.4 करोड़ राशन कार्ड के माध्यम से राशन मुफ्त दे रही है। इनमें 99.80 प्रतिशत राशन कार्ड को आधार से लिंक कर दिया गया है। देश भर के 5.33 लाख ई-पीओएस उपकरणों के जरिए उचित मूल्य की दुकानों से खाद्यान्न वितरण किया जा रहा है।
राशन कार्डों के डिजिटलीकरण और आधार से जोड़े जाने से दोहराव की आशंका खत्म हो गई है। वन नेशन वन राशन कार्ड की पहल से राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत देश के किसी भी हिस्से में सभी 80.6 करोड़ लाभार्थियों को उसी मौजूदा राशन कार्ड द्वारा नि:शुल्क खाद्यान्न मिल सकता है। चाहे उनके राशन कार्ड किसी भी राज्य या जिले में जारी हुए हों। आधार से संबद्ध होने के चलते पारदर्शी व्यवस्था है।