कोलकाता, 25 नवंबर 2025। कोलकाता में सरकारी आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में सीबीआई को एक्सपायर हो चुकी दवाओं की आपूर्ति के बारे में सुबूत मिले हैं। इस अपराध का मास्टरमाइंड अस्पताल का पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष था और पूरा घोटाला खुदरा वितरकों के एक वर्ग के जरिए किया जा रहा था।
एक्सपायर हो चुकी दवाओं को नष्ट करने के बजाय खुदरा वितरकों को वापस भेज दिया जाता था, जिनका काम उन्हें नई एक्सपायरी तिथियों के साथ नई पैकिंग करना था। इसके बाद उन एक्सपायर हो चुकी दवाओं को अस्पताल को फिर से बेच दिया जाता था और घोष इस तरह के घातक जालसाजी को सुव्यवस्थित करने के लिए कमीशन के रूप में मोटी रकम कमाता था।
सूत्रों ने बताया कि इस तरह की एक्सपायर दवाएं चेस्ट-मेडिसिन विभाग में भी आपूर्ति की जाती थी। इस विभाग की दवाएं अमूमन काफी महंगी होती हैं। इस साल अगस्त में आरजी कर अस्पताल में दरिंदगी की शिकार महिला डॉक्टर चेस्ट-मेडिसिन विभाग से जुड़ी हुई थीं। कई गवाहों ने जांच अधिकारियों को बताया है कि पीड़िता चेस्ट-मेडिसिन विभाग को आपूर्ति की जाने वाली दवाओं की गुणवत्ता के बारे में सबसे मुखर थीं। जांच अधिकारी यह पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि इस जघन्य अपराध का दवाओं की गुणवत्ता के बारे में पीड़िता की आपत्तियों से कोई संबंध है या नहीं।